Saturday, August 18, 2012

देखे मुझे जब वोह आँखें, मैं खो जाऊं।
इन आखों के रास्ते मैं उसके दिल में समाऊँ।
कुछ कह न पाऊँ उसे मैं , कुछ सुन न पाऊँ
उसके बिना मेरा जीवन जैसे कोई सूना गाँव।


Ooooh...look I can type in Hindi still. 

2 comments:

Nanga Fakir said...

Cheers!

Though given that you chose a Pakistani band, perhaps writing in Urdu would've been more appropriate?

Ali said...

hi,
Something Something.

Coz you wanted visitors to comment.
Hope you appreciate now. ;)

-Ali